भारत की आर्थिक विकास
आज हम बात करेंगे भारत की आर्थिक विकास की और जानेंगे कि पिछले कुछ वर्षों में भारत ने ऐसा क्या किया और कौन कौन से नीतियां बनाई जिससे कि भारत की अर्थव्यवस्था, वर्ष 2014-15 के मुकाबले वर्ष 2024-25 में लगभग तीन गुना पहुंचने वाला है साथ में हम यह भी जानेंगे कि भारत की अर्थव्यवस्था आने वाले दिनों में कहां तक पहुंच सकती है तो चलिए अब इसमें आगे बढ़ते हैं
करंट इकोनामिक सिनेरियो:
पिछले एक दशक में भारत अपने नीतिगत सुधारो, आर्थिक सुधारो और डिजिटल क्रांति के दम पर बहुत तेज गति से आर्थिक विकास कर रहा है पिछले एक दशक यानी वर्ष 2014-15 से 2023-24 तक भारतीय अर्थव्यवस्था में बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया है वर्ष 2014-15 में भारत की जीडीपी 112 लाख करोड़ से वर्ष 2023-24 में 301.2 लाख करोड़ हो गई है मतलब ढाई गुना से ज्यादा की वृद्धि इस दौरान हुई है इसी बात से हम अंदाजा लगा सकते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास कितनी तेज गति से हुआ है आंकड़ों के अनुसार ऐसा माना जा रहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था 2027-28 तक जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए इस दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकती है
कोरोना काल के दौरान भयानक माहौल से निकलने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास बहुत तेज गति से हुआ है इसकी वजह से वर्ष 2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था में यूनाइटेड किंगडम यूके की अर्थव्यवस्था को पीछे करते हुए पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरी थी भारत की अर्थव्यवस्था का सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है और इसमें लगातार बढ़ोतरी की उम्मीद है

भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास करने वाले कारण
- बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर: भारत ने पिछले एक दशक से अपने सड़क निर्माण, रेल सेवा, जल मार्ग आदि क्षेत्रों में भारी निवेश किया है जिससे भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर में काफी सुधार हुआ है जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ने लगा है
- इंडस्ट्रियल ग्रोथ: वर्ष 2014 में सत्ता परिवर्तन होने के बाद नई सरकार ने पिछली सरकारों के मुकाबले इंडस्ट्रियल ग्रोथ पर बहुत ज्यादा जोर दिया है वर्तमान सरकार ने नए उद्योगों को बढ़ावा और प्रोत्साहन देने के लिए बहुत सी योजनाएं चलाई है जिसमें मेक इन इंडिया और प्रोडक्शन लिंकिंग इंसेंटिव योजना आदि प्रमुख है जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को काफी मदद मिली है
- डिजिटल रिवोल्यूशन : भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास तेज गति से करने का एक कारण सरकार के द्वारा डिजिटलीकरण पर ज्यादा जोर देना है सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में बहुत सी ऐसी योजना चलाई है जिससे भारत में डिजिटल क्रांति के तौर पर देखा जा रहा है भारत सरकार ने जनधन योजना के तहत लगभग 50 करोड़ से ज्यादा बैंक खातों को खोला है और यूपीआई के माध्यम से आज भारत दिन भर में लाखों करोड़ों का पेमेंट भुगतान सिर्फ कुछ सेकंड में कर रहा है भारतीय अर्थव्यवस्था का डिजिटलीकरण होने से बहुत सी चीजों में आसानी हो गई है जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को स्पष्ट तौर पर फायदा मिला है डिजिटलीकरण होने से भारत में नए-नए फिनटेक, ई-कॉमर्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संबंधित क्षेत्र में बहुत तेज गति से विकास हुआ है जिसकी वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत ही तेज गति से उभर रही है
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश: भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास होने से विश्व में भारत की छवि सुधरने लगी है विदेश के लोग भारत की अर्थव्यवस्था में निवेश करने लगे हैं जिससे कि भारत की अर्थव्यवस्था में तेज गति से उछाल आया है वर्ष 2022-23 में लगभग 85 अरब डॉलर से अधिक की राशि विदेशी निवेश के रूप में प्राप्त हुई है
- एक्सपोर्ट: भारतीय उद्योगों को सरकार से प्रोत्साहन मिलने के बाद भारत में उत्पादन की मात्रा बढ़ने लगी है अधिक मात्रा में उत्पादन होने से भारत बहुत सी चीजों का निर्यात विदेशों में करने लगा है जिससे कि भारत का निर्यात बढ़ने लगा है वर्ष 2023-24 में भारतीय निर्यात 770 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है अधिक निर्यात होने से भारतीय अर्थव्यवस्था में और तेज गति से विकास हुआ है
- ऊर्जा: भारत सरकार अपनी नीतियों और योजना में भारत के भविष्य में अपनी उर्जा जरूरतो का ध्यान रखते हुए भारत सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में काफी अधिक निवेश और बहुत से अच्छे कदम उठाए हैं जिसकी वजह से दुनिया का चौथा सबसे बड़ा अक्षय ऊर्जा उत्पादक देश बन गया है जिसमें सौर, पवन और परमाणु ऊर्जा के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास में बड़ा योगदान है इसके साथ ही भारत सरकार के लक्ष्य वर्ष 2070 तक देश को जीरो कार्बन उत्सर्जन वाला देश बनाने की तरफ अग्रसर हुआ है
- अंतरिक्ष एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में विकास: पिछले कुछ वर्षों में भारत में अंतरिक्ष क्षेत्र में काफी बड़ी उपलब्धियां में चंद्रयान-3 लैंडिंग आदित्य L1 में सफलता पाई है इस वजह से देश और दुनिया में अंतरिक्ष क्षेत्र में बहुत ही बढ़त मिली है जिसकी वजह से भारत के अंतरिक्ष सेक्टर में विदेशों और निजी क्षेत्र ने काफी भरोसा दिखाया है
“विश्व आज भारत को संभावनाओं की धरती के रूप में देख रहा है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में किए गए आर्थिक सुधारों का उद्देश्य—गरीबों और मध्यम वर्ग के जीवन में सुधार, उद्यमिता को प्रोत्साहन और समावेशी विकास की दिशा में भारत को आगे बढ़ाना है।”
– प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी
भारत के आर्थिक विकास में आने वाली चुनौतियां:
भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास पिछले कुछ सालों में बहुत ही तेज गति से हुआ है लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने अभी भी बहुत सी चुनौतियां बरकरार है
बेरोजगारी: भारत में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है जिसकी वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को कभी भी झटका लग सकता है पिछले आंकड़ों के अनुसार वर्ष जून 2024 में बेरोजगारी दर 9.2 पर्सेंट थी जो की बहुत ज्यादा है भारत को अगर और तेजी से आर्थिक विकास करना है तो इस समस्या से निपटना बहुत जरूरी है
महंगाई: भारत की बहुत बड़ी आबादी मध्यम वर्ग से आती है जिनके लिए महंगाई बहुत बड़ी समस्या है महंगाई बढ़ जाने के बाद आम आदमी बहुत ही परेशान और हताश हो जाता है क्योंकि महंगाई बढ़ने से वस्तुओं की कीमत बढ़ जाती है और आम आदमी का संतुलन बिगड़ने लगता है
कौशल विकास में कमी: भारत की आबादी 144 करोड़ है जो की एक बहुत बड़ी चुनौती है इससे भी बड़ी चुनौती यह है कि भारत के अधिकतर लोग युवा है और इनमें से भी अधिकतर ऐसे हैं जिनके पास कोई भी रोजगार कौशल नहीं है जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में बहुत बड़ी बाधक है अगर भारत को बहुत तेज गति से आर्थिक विकास करना है तो इस समस्या से जल्द से जल्द निपटना होगा
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस : भारत और विश्व भर में AI का उपयोग बढ़ने लगा है जो कि पहले से चली आ रही बहुत सी नौकरियां के लिए बहुत बड़ा खतरा माना जा रहा है अगर AI पुराने नौकरियां को खत्म करने लगा तो भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है और भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास धीमी गति से हो सकता है
निष्कर्ष:
भारत की अर्थव्यवस्था ने पिछले एक दशक में बहुत तेजी से विकास किया है भारत अपने विनिर्माण, ऊर्जा, औद्योगिक निवेश, डिजिटलीकरण पर निवेश कर रहा है अगर भारत ऐसी योजनाओं और कार्यक्रमों को जारी रखता है तो बहुत तेज गति से आगे बढ़ता चला जाएगा और उम्मीद है कि भारत वर्ष 2027-28 में जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और विश्व में एक महाशक्ति के रूप में निखर जाएगा
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